चंद्रगुप्त - प्रथम अंक - 3
( पाटलिपुत्र में एक भग्नकुटीर )
कुटिया में अन्दर प्रवेश करते ही चाणक्य पुरानी यादों में खो गए - पिताजी की गोद और अन्य चीजें यद् आई - प्रतिवेशी चाणक्य से पूछ्ताज करता है - शैशव की स्निग्ध स्मृति ...
पढ़िए चंद्रगुप्त - प्रथम अंक - 3.