अनपढ़, जाहिल, समाज-द्रोही दलित चिंतकों और वाम पंथियों को चुनौती, चुनौती और खुली चुनौती कि वे उपरोक्त चौपाई का भ्रष्ट, कुंठित और साजिशन उपभोग करना बंद करें. वह जो साजिश करते हैं कि सत्ता सुख प्राप्ति हेतु येन-केन प्रकारेण सत्ता पर काबिज रहें और हिन्दू समाज को पथ-भ्रष्ट करते रहें, उसे हरगिज कामयाब नहीं होने देंगे. ग्रंथ ज्ञानी महानुभाव के उपरोक्त वाक्य के पूर्णता पर शीघ्रता से मंच के सामने श्रोता के बैठने हेतु निर्धारित निचले स्थल से बड़ी संख्या में विराजमान सुमान्य दलित चिंतक और माननीय वामपंथी प्