देह के दायरे - 18
पूजा को स्टूल पे बिठाके पंकज किसी बोर्ड पर ब्रश चलाने लगा - पूजा की तस्वीर बनते ही उसकी और से पंकज को चाय की दावत मिली - पंकज पूजा का पुराना साथी था - देवबाबू की बात आते ही पूजा पंकज को दूसरी बातो मै लगा देती थी
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