इसी ख़ुशी में काम से लगे आधा दिन गुज़र गया तभी अचानक उसे जिन्न के कहे अल्फ़ाज़ याद आये। जिन्न ने कहा था “किसी तीसरे को पता न चले और अपनी जरूरत से ज़्यादा न मांगना” ये बात याद आते ही किसी अनहोनी के डर से उलटे पाऊँ घर भागा। जब तक घर पहुँचता देर हो गयी थी, जंगल के रास्ते में ही एक खोफनाक आवाज़ ने उसे रुकने पर मजबूर कर दिया।