दोनों दोस्तों ने आज से पहले कभी टमाटर के पकोड़े नहीं खाये थे। पर अब तो लग रहा था कि इन टमाटरों के पकौड़ों के लिए कम से कम पूरा महीना इस होटल में रूका जा सकता है। तीसरी बार टमाटर के पकोड़े लाने के बाद वो गाँव वाला भी अपना वक्त गुजारने के लिए उनके साथ बातें करने बैठ गया।neha agarwAl neh