श्रमदान से स्वराज्य तक

  • 9.1k
  • 2
  • 1.5k

गांधीजी के बताये श्रमदान, स्वच्छता एवं सहभागिता के आदर्श मार्ग पर चलकर सच्चे स्वराज्य की प्राप्ति के आशय से यह पुस्तक को भारत की जनता के सामने अर्पण करता हूँ.