महाराष्ट्र में पुणे प्रांत के निवासी दामोदर, बालकृष्ण और वासुदेव हरि चाफेकर को भारत के स्वाधीनता आन्दोलन में सशस्त्र क्रान्ति का अग्रदूत माना जाता है। इस रचना में उनके जीवन और संघर्ष की खोजपूर्ण सामग्री जुटाई गयी है।