गिरदान

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’आप हमारे देष का कल हैं। चाचा नेहरू अपने सपनों का भारत नौनिहालों में देखते थे। पढ़ाई-लिखाई में किसी तरह की परेषानी आए तो हम हमेषा आापके साथ हैं।’ बराती लाल इण्टर काॅलेज बहुराज मऊ के प्रबंधक लालजी बाल दिवस पर बालकों को अपनी वैचारिकता से अवगत करा रहे थे। लालजी जिंदाबाद-जिंदाबाद और करतल ध्वनि के बीच भाषण बच्चांे के कोमल हृदय को स्पर्ष कर रहा था। अगले सप्ताह विद्यालय में छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र वितरित किये गये जिसमें विद्यार्थी को अपने पिता की माली हालत का उल्लेख करना था तथा व्यवस्थापक महोदय से तसदीक करवानी थी कि वह वजिफा का उचित पात्र है।