माँ का दूध प्राण शर्मा भारत कॉलेज के स्टूडेंट्स की एक मीटिंग में शांति देव और धीरज में एक सवाल पर मदभेद हो गया। दोनों में खूब तू - तू , मैं - मैं हुयी। देखते ही देखते दोनों का मतभेद क्रोध में बदल गया और क्रोध दुश्मनी में। शांति देव की शांति गुम हो गयी और धीरज का धीरज खो गया। गुस्से में डूबे दोनों ने अपना - अपना ग्रुप बना लिया। धीरज के खून के प्यासे शांति देव की नींदें नदारद हो गयीं। आधी - आधी रात तक वह करवटें बदल - बदल कर सोचता रहता कि काश धीरज उसे अकेला कहीं मिल