आज फिर अप्पू हाथी सुबह से बैचैन था। और होता भी क्यों नहीं सुबह से उसकी प्यारी दोस्त टिनटिन गिलहरी का कुछ अता पता ही नहीं था। आखिर अकेले शैतानी करने में भी कोई मजा आता है क्या, अब तो अप्पू हाथी को थोड़ा थोड़ा गुस्सा भी आने लगा था। तभी अप्पू ने देखा। सामने से टिनटिन मटकते हुए चली आ रही है। अप्पू टिनटिन को देखकर गुस्से से बोला। जाओ यहां से मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी। कितनी खराब दोस्त हो तुम, सुबह से मैंने पूरा जंगल छान मारा। और तुम्हारा कोई अता पता ही नहीं था।