सरिगा और संगीता सहपाठी थे। दोनों एक ही गाँव में अड़ोस पड़ोस में ही रहते थे। उनके गाँव के पास ही एक बड़ी सी जंगल भी थी। उस गाँव की चारों तरफ पहाड़ भी थी। इसलिए वहां हमेशा ठंडी ताज़ी हवा मौजूद थी। सरिगा पढ़ने में बड़ी तेज़ थी। दोनों के घर में एक एक पिल्ला भी था। सुबह शाम पिल्ले को घुमाने में दोनों इकट्ठे होकर ही जाते थे। वे दोस्त भी थे। दोनों बहुत ज़िद्द थे। जो जी चाहे करना चाहते थे। कुछ न कुछ शरारतें करते थे।