(एक बड़ा सा बैठकखाना है जिसमें औसत मध्यमवर्गीय स्तर का सोफा लगा है। मुखिया सोहर मिश्र का एक खास आसन लगा है । उसके सामने लगे दो तीन सामान्य सी गोल बैठकी पर सहमे से गाँव के तीन आदमी बैठे हैं। सोहर मिश्र प्रवेश करते हैं तो बैठे हुए ग्रामीण हाथ जोड़कर प्रणाम की मुद्रा में उठ जाते हैं। सोहर उन्हें बैठने का इशारा करके अपने खास आसन पर विराजते हुए पूछते हैं।)