विवाह के स्वरूप

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Pranjali Awasthi pranjaliawasthi@gmail.com 'सुनत हो बहुरिया !!! किशन दद्दा के छोरे ने ,,,,,अअअअऊ का कहत हैं .....हाँ लब्ब मैरिज कर लई , हैंएए बड़े बनत रहे अपन को ...हाथ अही नहीं रखन देत हते कोई मोड़ी वालन को ..अब लेओ अब का करिहो जब चिड़िया चुग गई खेत ।अब होय चुकी सेवा जा बुढ़ापा मा , अब दिखिओ कुछ ही दिनन मा बा शहर की मोड़ी अलग होय जये... ऐसे ब्याह टिकत नाहीं " दयावती चाची ने घर के अंदर पाँव रखते ही अपनी सहमति के ठप्पे के संग लाई हुई बहू को आवाज लगाते ही आज की ताजा खबर