Kaushlendra Prapanna k.prapanna@gmail.com शादी के इस पार प्रिय! प्रेम विवाह है, उस पार न जाने क्या होगा शादी लव हो या अरेज क्या कोई ख़्ाास अंतर पड़ता है? क्या साथ रहने,होने,पाने,खोने में कोई फर्क किया जा सकता है? पहली बात तो यही कि शादी और प्यार दोनों एक ही सिक्के को दो पहलू हैं। दुनिया के भूगोल उठा कर देख लें जहां भी जीवन है वहां प्यार है। जहां भी इंसान रहते हैं वहां साथ रहने,जीने मरने की कसमें भी बड़ी ही शिद्दत से खाई और निभाई,तोड़ी और मरोड़ी भी जाती हैं। इससे क्या अंतर पड़ता है कि दो आत्माओं