यात्रा

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सब उतर गए वह वहीं बैठी रही। वह दो कोल्ड ड्रिंक ले आया जो वह उस दिन पी रही थी। संवेदना का तार कहीं जुड़ चुका था। एक एक घूँट गुटकते हुए उसने अपने दर्द को बाहर निकाला। किसी बेहद अपने के द्वारा छले जाने का दर्द उसके शब्दों से रिसता रहा। वह उसके दर्द को चुनता रहा उसके अकेलेपन से व्यथित हो कर मन ही मन इस सफर में उसका साथ देने का निश्चय करता रहा। उसके बहते आँसुओं से पिघलता रहा और खिड़की से बाहर नज़र रखता रहा कि बाकि लोग आ न जायें।