लेकिन....मन यूँ ही तो हार नहीं मानता , जब उसके डर पर प्रहार होता है तो उसके अपने तर्क शुरू हो जाते है। संभल कर चलना और दूसरों की गलतियों से सीख लेना कोई बुरी बात तो नहीं है। रोज़ इतनी ख़बरें पढ़ते हैं दूसरों को कोसते हैं आज जान बूझ कर खुद को मुसीबत में फँसा देना कहाँ की अकलमंदी है फिर इस लड़की ने शराब पी रखी है चाहे वह भले घर की हो, लेकिन शराब के शौक पूरे करने के लिए तो माता पिता पैसे नहीं भेजते होंगे जब घर से भेजे पैसे में खर्चे पूरे नहीं होते तो ये कोई शोर्ट कट अपना लेते है।