वह दिन दूर नहीं जब अत्याधुनिक मानव का मस्तिष्क कंप्यूटर के जरिए संचालित होने लगेगा और वह व्यक्ति के विचारों को पढ़ने में सक्षम हो जाएगा। इस तरह से बने दिमाग का रिश्ता किस हद तक हमारा मददगार बनेगा, वैज्ञानिक इसकी संभावनाएं तालाशने में जुटे हैं। जबकि इसका इस्तेमाल सेना में सायबाॅर्ग सोल्जर, चिकित्सा में सर्जरी, टेलीपैथी, विकलांगता के उपचार या परिवहन में करने की योजनाएं बनाई जा रही है। यह जानना काफी रोचक होगा कि मानव द्वारा बनाए गए कंप्यूटर के साथ भविष्य में कैसा संवाद कायम होने वाला है, जिसमें दिमाग सीधे तौर पर कंप्यूटर से संपर्क स्थापित कर लेगा। अर्थात न माउस होगा, न किबोर्ड और न ही कर्सर!! यह सब इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों को नियंत्रित करने के नए तरीके के दरवाजे खोल सकता है, तो निःशक्तों के लिए वरदान साबित हो सकता है।