हम लिख चुके हैं कि शुरू में मेसोपोटैमिया, मिस्र और भूमध्य सागर के छोटे-से टापू क्रीट में सभ्यता शुरू हुई और फैली। उसी जमाने में चीन और हिंदुस्तान में भी ऊँचे दरजे की सभ्यता शुरू हुई अपने ढंग से फैली। दूसरी जगहों की तरह चीन में भी लोग बड़ी नदियों की घाटियों में आबाद हुए। यह उस जाति के लोग थे जिन्हें मंगोल कहते हैं। वे पीतल के खूबसूरत बर्तन बनाते थे और कुछ दिनों बाद लोहे के बर्तन भी बनाने लगे। उन्होंने नहरें और अच्छी-अच्छी इमारतें बनाईं, और लिखने का एक नया ढंग निकाला। यह लिखावट हिंदी, उर्दू या अंग्रेजी से बिल्कुल नहीं मिलती। यह एक किस्म की तस्वीरदार लिखावट थी।