थाईलैंड

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थाईलैंड की पूरी इकॉनॉमी स्त्री प्रधान है इस बात की गवाह थी पूरी पटाया नगरी बस की खिड़की के शीशों के उस पार बाज़ार, बड़े-बड़े मॉल, होटल, फुटपाथ पर लगा बाज़ार, फलों की दुकानें, मछली तलती ठेलों को सम्हाले हर ओर स्त्रियाँ ही स्त्रियाँ कार्यरत थीं पुरुष तो नहीं के बराबर ही दिखे मुझे अपना पूर्वोत्तर भारत याद आया जहाँ स्त्री सत्ता यानी मातृसत्ता है और बाज़ार को ‘माइती बाज़ार’ कहते हैं थाईलैंड विश्व का ५१वां ऐसा बड़ा देश है जिसकी आबादी ६४ मिलियन है यहाँ ७५ प्रतिशत थाई, १४ प्रतिशत चायनीज़, ३ प्रतिशत मलय और बाकी मोन्स, श्वेर्स जनजातियाँ हैं ये जनजातियाँ आज भी घने जंगलों में निवास करती थाईलैंड की धरोहर कहलाती हैं वैसे मुसलमान, सिक्ख, ज्यूइश, हिन्दू भी काफी संख्या में रहते हैं बौद्धधर्म के अनुयायी ९५ प्रतिशत हैं मुख्य भाषा थाई है अंग्रेजी न तो कामकाज की भाषा है, न बाज़ार की करेंसी भाथ है एक भाथ १.७७ पैसे भारतीय मुद्रा का है खेलों में ओलंपिक, रग्बी, गोल्फ और फुटबॉल बड़े लोकप्रिय हैं