आप भी कहां की बात कहां मिलानें लगे ! म्यूनिसिपेलीटी के मेम्बर होनें सै और इंतज़ाम की इन बातों सै क्या सम्बन्ध है ? म्यूनिसिपेलीटी के कार्य निर्बाह का बोझ एक आदमी के सिर नहीं है उसमैं बहुत सै मेम्बर होते हैं और उन्मैं कोई नया आदमी शामिल हो जाय तो कुछ दिन के अभ्यास सै अच्छी तरह वाकिफ़ हो सक्ता है, चार बराबरवालों सै बातचीत करनें मैं अपनें बिचार स्वत: सुधर जाते हैं और आज कल के सुधरे बिचार जान्नें का सीधी रास्ता तो इस्सै बढ़कर और कोई नहीं हैं मुन्शी चुन्नीलाल नें कहा.