परीक्षा-गुरु - प्रकरण-9

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इस्‍समय मदनमोहनके बृत्तान्‍त लिखनें सै अवकाश पाकर हम थोड़ा सा हाल लाला मदनमोहन के सभासदोंका पाठक गण को विदित करते हैं, इन्‍मैं सब सै पहले मुन्शी चुन्‍नीलाल स्‍मर्ण योग्य हैं, मुन्शी चुन्नीलाल प्रथम ब्र‍जकिशोर के यहां दस रुपे महीनें का नौकर था. उन्‍होंनें इस्को कुछ, कुछ लिखना पढ़ना सिखाया था, उन्‍हींकी संगति मैं रहनें सै इसे कुछ सभाचातुरी आ गई थी, उन्‍हींके कारण मदनमोहन से इस्की जान पहचान हुई थी. परन्तु इस्‍के स्‍वभाव मैं चालाकी ठेठ सै थी इस्‍का मन लिखनें पढ़नें मैं कम लगता था पर इस्‍नें बड़ी, बड़ी पुस्‍तकों मैं सै कुछ, कुछ बातें ऐसी याद कर रक्‍खी थी कि नये आदमी के सामनें झड़ बांध देता था.