लाला ब्रजकिशोर बातें बनानेंमैं बड़े होशियार हैं परन्तु आपनें भी इस्समय तो उन्को ऐसा मंत्र सुनाया कि वह बंद ही होगए मुन्शी चुन्नीलालनें कहा. मुझको तो उन्की लंबी चोड़ी बातोंपर लुक्मानकी वह कहावत याद आती है जिस्मैं एक पहाड़के भीतरसै बड़ी गड़-गड़ाहट हुए पीछै छोटीसी मूसी निकली थी मास्टर शिंभूदयालनें कहा. उन्की बातचीतमैं एक बड़ा ऐब यह था कि वह बीचमैं दूसरे को बोलनें का समय बहुत कम देते थे जिस्सै उन्की बात अपनें आप फीकी मालूम होनें लगती थी बाबू बैजनाथनें कहा.