आप के कहनें मूजब किसी आदमी की बातों सै उस्का स्वभाव नहीं जाना जाता फ़िर उस्का स्वभाव पहचान्नें के लिये क्या उपाय करैं ? लाला मदनमोहननें तर्क की. उपाय करनें की कुछ जरुरत नहीं है, समय पाकर सब अपनें आप खुल जाता है लाला ब्रजकिशोर कहनें लगे मनुष्य के मन मैं ईश्वरनें अनेक प्रकार की वृत्ति उत्पन्न की हैं जिन्मैं परोपकारकी इच्छा, भक्ति और न्याय परता धर्म्मप्रवृत्ति मैं गिनी जाती हैं दृष्टांत और अनुमानादि के द्वारा उचित अनुचित कामों की विवेचना, पदार्थज्ञान, और बिचारशक्ति का नाम बुद्धिबृत्ति है. बिना बिचारे अनेकबार के देखनें, सुन्नें आदि सै जिस काम मैं मन की प्रबृत्ति हो, उसै आनुसंगिक प्रवृत्ति कहते हैं.