लक्ष्य वनाम् जीवन और ज़मीर(दो कहानी)

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उसने देखा कि अन्दर से मिलकर जो प्रतिभागी बाहर आता, वह प्रसन्नचित होता. तथापि वे सब पूरी गोपनीयता बरत रहे थे. इससे साहब से मिलने हेतु धीरज का बेसब्री भी बढ़ता गया. सबके अंत में धीरज की बारी आई,उसे अंदर बुलाया गया.अंदर जाते हुए धीरज की बेचैनी और भी ज्यादा बढ़ गयी. उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा.