( शहरका एक इलाका) (महन्त जी दो चेलों के साथ गाते हुए आते हैं) सब : राम भजो राम भजो राम भजो भाई।। राम के भजे से गनिका तर गई, राम के भजे से गीध गति पाई। राम के नाम से काम बनै सब, राम के भजन बिनु सबहि नसाई ॥ राम के नाम से दोनों नयन बिनु सूरदास भए कबिकुलराई। राम के नाम से घास जंगल की, तुलसी दास भए भजि रघुराई ॥