यों तो इतिहास के पन्नों में देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले अनगिनत क्रांतिकारियों के नाम दर्ज है तो वहीं कई ऐसे नाम हैं जो आज भी उचित सम्मान के लिए बाट जोह रहे है। इन्हीं में से एक नाम है......... अंगे्रजों के खिलाफ लड़ने वाले जझारू आदिवासी सेनानी तिलका मांझी का। जिन्होंने अंगे्रजों के खलाफ स्वाधीनता की लड़ाई लड़ते वक्त अंगे्रज कलेक्टर को अपने तीर से निशाना बनाया। तिलका मांझी उन शहीदों में शुमार हैं जिन्हें इतिहास के पन्नों में वह स्थान नहीं मिल पाया जो उन्हें मिलना चाहिए था। यही नहीं तिलका मांझी खुद अपने क्षेत्र में प्रशासन की अनदेखी के शिकार हैं। उन की याद में बनी शहीद स्थल उपेक्षित हैं। केवल बिहार के भागलपुर शहर के तिलका मांझी मुहल्ले में उनकी प्रतिमा स्थापित हैं जो उनकी शहादत की याद दिलाती रहती है।