बाल प्रत्यार¨पण के द्वारा गंजेपन का इलाज डाॅक्टर तथा मरीज दोनों की दक्षता तथा काबिलियत पर निर्भर करता है.इसके लिए सही कारणों का पता लगाना जरूरी है. इसका भी अनुमान चिकित्सक को ही लगाना होगा कि ग्राफ्ट के बाद रिजल्ट कैसा होग.उदाहरण के रूप मे यदि ललाट के उपरी हिस्से के गंजेपन को ग्राफ्ट से ठीक कर दिया गया और कुछ वर्षों के बाद उसके बगल के हिस्से के बाल गिरने लगे तो एक आम मरीज की उलझन समझी जा सकती है.उसके मन में डाॅक्टर के प्रति किस तरह का गुस्सा,आक्रोश और तनाव होगा,इसका अनुमान लगाना आसान होगा.अतः मरीज तथा चिकित्सक दोनों को बाल गिरने की प्रकृति को ध्यान में रखकर बाल प्रत्यारोपण का प्लान भविष्य को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए.