Bhavishy ka Bhojan

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तकनीक की लहर पर सवार तेजी से बदलती जीवनशैली में भोजन और खाद्य पदार्थों को लेकर भी कई बदलाव आए हैं। आज प्रसंस्कृत आहार के डिब्बाबंद पेय, भोजन, फास्टफूड आदि के चलन से लेकर जीएम फसलें तक भोजन में शामिल हो चुकी हैं। न केवल भोजन की पौष्टिकता, उपयोगिता और उपलब्धता के लिए खाद्य सामग्रियों से संबंधित कृषि वैज्ञानिक और शोधकर्ता हमेशा से सक्रिय बने हुए हैं, बल्कि भविष्य के लिए आहार के विभिन्न स्रोतों की तलाश भी जारी रही है। यह कहें कि सजी-सजाई थाली में विभिन्न व्यंजनों का संतुलित आहार अब महज भूख मिटाने वाला भोजन भर नहीं रह गया है, बल्कि इसे वैज्ञानिक कसौटी पर भी कसा जाने लगा है कि इसमें कितनी और किस स्तर तक की पौष्टिकता है सुपाच्यता के साथ इससे शरीर को कितनी क्षमता की ऊर्जा प्राप्त हो सकती है शरीर की मांसपेशियों से लेकर रक्त, मज्जा आदि के लिए यह कितना उपयोगी साबित हो सकता है इसे कितने समय तक खराब होने से बचाया जा सकता है