अम्बेडकर vs गाँधी @ अरुंधति रॉय

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बेहद पठनीय एवं बहसतलब आलेख। इसमें इतनी रोचकता है कि एक सांस में पढ़ जाएंगे आप। जाति के रोग की एक जरूरी पड़ताल है इस आलेख में। जाति के प्रश्न पर गाँधी और अम्बेडकर ने कैसे सोचा, कितना सोचा, अरुंधति का यह मूल्यांकन यहाँ है, साथ ही, इन दोनों महापुरुषों पर अरुंधति रॉय के नजरिये एवं राजनीति का आलेखकार का बहसतलब दृष्टिकोण भी गौर करने लायक है। डा भीमराव अम्बेडकर की प्रसिद्ध पुस्तक ANNIHILATION OF CASTE (जाति का विनाश) पर GOD OF SMALL THINGS फेम की वामपंथी मिज़ाज़ लेखिका अरुंधति राय की विस्तृत समीक्षात्मक टिप्पणी राय के साथ अंग्रेज़ी में एक पुस्तक आई है। प्रस्तुत लेख इसी पुस्तक की एक आलोचना है। राय ने अपनी पुस्तक में अम्बेडकर की उक्त पुस्तक में भी बड़ी भूमिका लिखी है और इसमें अम्बेडकर से ज्यादा गाँधी के बयान में अपने शब्द खर्च किये हैं। बीते वर्ष में राय द्वारा सम्पादित यह अंग्रेजी पुस्तक जब हैदराबाद में लोकार्पित की जानी थी तो दलित बुद्धिजीवियों ने लोकारार्पण समारोह का विरोध किया था। आलेख में पुस्तक प्रकाशक की व्यवसायिक एजेंडे एवं राय द्वारा उसका साथ देने के विवादस्पद मुद्दे की पड़ताल की गयी है।