साहित्य में दलित विमर्श अब जोरों पर है, और, ब्लॉगों, वेबसाइटों, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के ऑनलाइन प्लेटफौर्मों पर भी अब दलित विमर्श आम है। लेखक, जो सक्रिय ब्लॉगर है, ने इस आलेख में अपने अनुभव के सहारे ऑनलाइन जगत में चले दलित विमर्श पर अपने कुछ रोचक व बहसतलब पर्यवेक्षण, तथ्य एवं निष्कर्ष रखे हैं। इस विषय में बहुजनों एवं अन्यों के अवलोकनों एवं मतों में बहुधा साफ़ विभाजन एवं मतभेद के स्वर होते हैं जो अक्सर स्वानुभूत एवं परानुभूत सहानुभूत की जमीन की स्वाभाविक उपज होते हैं। पढ़ें यह रोचक रसदार आलेख...