Bahadur beti Chapter - 12

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आज आरती के सामने दो ज्वलन्त समस्याऐं मुँहबाँऐं खड़ीं थीं और उनका हल खोजने के लिए उसके अन्तःमन में अविरल धर्म-युद्ध चल रहा था। इस धर्म-संकट में एक ओर तो था, उसका आका हिज़बुल रब्बानी को दिया हुआ वचन और दूसरी ओर था विशाल गणतंत्र का न्यायतंत्र और न्यायपालिका।