बहुत पुरानी बात है, जब कुत्ते शहरों में नहीं, शेर, हिरन, भालू जैसे जंगली प्राणियों की तरह बस जंगलों में ही रहते थे और आदमियों से उनकी दोस्ती नहीं हुई थी। पर जंगल में भी उनके लिए कम मुसीबत न थी, क्योंकि दूसरे जंगली जानवर उन पर धौंस जमाया करते थे। इसलिए कुत्तों को कभी यहाँ, तो कभी वहाँ से छिपकर भागना पड़ता, नहीं तो उनकी जान आफत में आ जाती थी। उन्हीं दिनों घने जंगल में एक कुतिया रहती थी, जिसे जंगल के सब प्राणी मिड्डी कहकर बुलाते थे। मिड्डी का स्वभाव बहुत अच्छा था और वह बिना बात किसी को तंग नहीं करती थी।