कई दिनों बाद आज दोपहर के वक्त देवपुरा गांव के ऊपर बिजली देवी की मेहरबानी हुई है. वर्ना अक्सर तो रात को एक दो घंटों के लिए खेतों में पानी लगाने के नाम पर ही श्रीमती बिजली देवी दर्शन दिया करती है. सोनतारा मौसी जून के इस कहर ढाते गर्म महीने में अपनी रोज़ की आदतानुसार पानी में निचोडी हुई सफ़ेद चादर ओढ़ कर चित सोयी हुई है, इस शिखर दोपहरी की शुष्क हवा में उनकी चादर की नमी काफी पहली ही सूख गयी है. बूढी सोनतारा मौसी की भारी-भरकम देह पर वैसे भी गर्मी की मार कुछ ज्यादा ही पड़ा करती है और वह गर्मी से छुटकारा पाने के लिए कुछ ना कुछ देसी तरकीबें भी सोच लिया करती है.