Prakash Keval Andhera Mitane ka Nam Nahi

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प्राकृतिक और कृत्रिम प्रकाश की विकास यात्रा को जानने-समझने के साथ-साथ पृथ्वी से सूर्य के रिश्ते की मानवीय स्पर्श को भी एहसास किया जाना चाहिए। जीवन में रचा-बसा सात रंगों का मिश्रित श्वेत प्रकाश उतना ही महत्वपूर्ण है जितना जल, जंगल, जमीन, वायु, पर्यावरण और दूसरे किस्म के आहार। प्रकाश के बगैर बेहतर जीवनयापन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। इसमें जरा भी संदेह नहीं कि मानव-जीवन का विकास प्रकाश के बिना कदापि संभव नहीं था। सबसे तेज गति वाले प्रकाश के बारे में जो भी जानते हैं , वह काफी रोमांचित करने जैसा है। लेकिन क्या यह जानते हो कि इसकी रोशनी की तेज में चाकू जैसी धार है, जो चिकित्सा जगत में चीर-फाड़ करने का काम बगैर रक्त बहाए बाखूबी कर सकता है। बिजली के बल्ब से लेकर लेजर किरणें तक और रोशनी के बल्बों से लेकर दूसरे इलेक्ट्राॅनिक गजेट इसी की देन है।