शाम को आरती ने अपनी मम्मी को चमत्कारी सिक्के, रॉनली और अपने अदृश्य होने के विषय में सब कुछ बताया। यूँ तो आरती की मम्मी को इन सभी बातों में बहुत कम विश्वास था। फिर भी उन्हें अपनी बेटी आरती की योग्यता और समझदारी पर कोई शंका भी तो नहीं थी।