Lumba

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कहानी कहते हुए फिर एक मुश्किल! असल में कहानी मैं आज के बब्बूजी की कहना चाहता हूँ, पर आज से पाँच-छह साल पहले के बब्बू का चेहरा बार-बार मेरी आँखों के सामने आ-जा रहा है। तब पहले-पहल उसे देखा था। इतना सीधा, इतना सरल और भोला कि उसे देखते ही लगता था, यह बच्चा भीतर-बाहर से सच्चा है। और झूठ तो यह बोल ही नहीं सकता। लिहाजा जो कुछ यह कह रहा है, उस पर यकीन करो!