तीन खबरें

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सेठ गंगाप्रसाद की हवेली के पिछवाडे में एक छोटा सा बगीचा था, जिसे सेठ गुप्त और व्यक्तिगत मसलो के लिए इस्तेमाल करता था। सेठ का मानना था कि यह दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह है, जहां परिंदा भी उसकी मर्जी के खिलाफ दाखिल नहीं हो सकता है। वो बात अलग थी कि कभी कभी कुछ कबूतर सेठ की बगैर मर्जी दाखिल हो जाते थे। यहाँ पर सेठ कुछ खास किस्म के लोगों से ही मिलता था । इस बगीचे में सेठ के गुप्त वार्तालाप में उनका नौकर रामुडा भी मौजूद रहता था। जिसकी सूरत देखने से ही पता चलता था की उसे सेठ ने भगवान को विशेष तौर पर रिश्वत देकर अपने लिये बनवाया है, क्योंकि वो सेठ के हर आदेश को उनकी आँखों से समझ लेता था। सेठ कभी कभार मजाक में कहा करता था कि रामुडा और मेरी आँखों के कनेक्शन एक है जिसे दुनिया में हम दोनों के आलावा कोई नहीं समझ सकता है । सेठ की दुनियाँ भी तो उसी कस्बे तक सीमित थी और उसका मानना था कि इस कस्बे को लूटने का पटा उसे खुद भगवान ने दिया है जिसका कोई लिखित दस्तावेज नहीं है और अगर है भी तो भगवान की भाषा आम आदमी के समझ में नहीं आती।