"संसार में बहूत एक-दूसरे से छल-कपट रचते रहते है. जो थोड़े सीधे-सादे लोग है उनके जीवन काफी संघर्षमय हैं." "संघर्षमय ही तो है, नामुमकिन नही. यदि वैसा होता तो वैसे जीवन का विकल्प चुनने से अच्छा उसका त्यागना है. मैं अपना जमीर खोना नही चाहता." "ज्यादा हठ ठीक नही. सोचो किसी के पास पैसे हों तो अपने बीमार माँ का अच्छे से इलाज करवा सकता है. घर-गृहस्ती बसाने के आनंद भी प्राप्त कर सकता है."