उल्लू की दुम होता है व्यंग्यकार

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अगर मुझसे कोई पूछे कि व्यंग्यकार क्या होता है, तो मैं तो यही कहूंगा कि उल्लू की दुम होता है व्यंग्यकार। भरी दुपहरिया में राग भैरवी गाता है। जेठ की तपतपाती गर्मी में कंबल ओढ़ कर सोता है। पूरी दुनिया को उल्टा देखता है और सीधा समझता है। हर सीधी-सादी बात को उल्टे चश्मे से देखता है। अगर नहीं विश्वास होता है, तो पढ़कर देखिए कि क्या सचमुच उल्लू की दुम होता है व्यंग्यकार।