दुःख में सुख से जीने की कला (समीक्षा)

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दुःख में सुख से जीने की कला कि समीक्षा-- #दुःख में सुख से जीने की कला# शीर्षक से स्प्ष्ट है कि जीवन के सुख दुख एव सामाजिक परंपरा संस्कृति संस्कार को जीवंत रखते हुए जीवन कि चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार करना एव सच्चाई का सामना ईमानदारी से करना ।#दुःख में सुख से जीने की कला# वास्तव मे व्यक्तिगत जीवन के अनुभवों का संस्मरण होने के बावजूद   बेहद सकारात्मक सार्थक संदेश देते हुए सम्पूर्ण मानव समाज के वर्तमान एव भविष्य को अपने अतित से दृष्टि दिशा एव दृष्टिकोण प्रदान करने में पूर्णतया सफल एव सक्षम है ।#दुःख में सुख से जीने की कला # मुख्य