प्लीज आंटी जी अब रस्म शुरू करवाए. अब लेट मत कीजिए. बाते तो बाद में होती रहेंगी. अगर लेट हो गया. तो फिर ये रस्म अधूरी रह जायेगी. तो फिर मेरी दोस्त की शादी पूरी हो नही पाएगी.हा बेटा बिलकुल क्यू नही. ये लो गौरी बेन ये लो इस को हल्दी की थाली के बाजू में रखो. और अब शुरू करो हल्दी की रस्म.बारात वाले दिन. . .अरे समीर बेटा सुनो तो दूल्हे और दुल्हन के लिए वरमाला लाए की नही. अरे ऐसे चुप क्यों हो. बोलो लाए हो ना. दूल्हे और दुल्हन के वरमाला.वो वो आंटी जी एक्युअली वरमाला