मंजिले - भाग 16

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   सची घटना कह लो  या किसी का उम्र भर जिंदगी से हर दिन चलता मुक्का मारी...( बाबा जी की लालटेन )मंजिले कहानी सगरे की अनुभवी मुस्कान और कहानी...पात्र एक विक्रम ------ उम्र 40 वर्ष। अनुभव उसके अंदर इतना कि पूछो मत... मैं जानता हू वो जानता है, और दुनिया तो बस मतलब की यार...अगर मैं आपको रुआ न दू तो कहना, कुछ स्वाद नहीं आया।उसकी जिंदगी अब भी डगमगा रही है, कया करे। किस्मत कहते है गाडू कया करे पाडु.... बस शुरवात करते है.... कही से कयो... घर से... बड़ा भाई.. तीन छोटे.. हाँ छोटी ही बहन। बहन की