जिसे सुन रुही ,,,,,आयुष की तरफ देखते हुए ,,,,,,,ठीक है ,,,,,,,मैं इस शहर से और,,,,,,तुम सबसे,,,,,, कही बहुत दूर चली जाऊंगी ,,,,,,यह कहे रूही,,,,,,,आयुष के हाथों से पैसे ले लेती है ,,,,,,,और उन पैसों को अपनी दर्द भरी स्माइल कर,,,,,,,देखते हुए, ,,,,,,,,, तुम क्या चीज हो ,,,,,,,तुम्हें पाने के लिए लोग,,,,,,,,किसी भी हद तक चले जाते हैं ,,,,,,,और अच्छे से अच्छे लोग ,,,,,,,,,,,भिखारी बन जाते हैंऔर फिर वह वहां से जाने लगती है,,,,,,,,कि तभी आयुष दौड़ता हुआ ,,,,,,,,,,रोहि के पास जा,,,,,,,उसे कागज दे,,,,,,,रोहि तुम्हे जब भी ,,,,,,मेरी जरूरत हो,,,,,,,तो इस नम्बर पर मुझे फोन कर देना ,,,,,,, और हां ध्यान