सब लोग सो रहे थे। खिड़की से आ रही सूरज की रोशनी जब हंशित की आंखों पर पड़ी तब उसने कहा" मां पर्दा बंद करो धूप आ रही है लेकिन तब ही उसे याद आता है की वो तो घर से दूर हैउसने अपनी आंखें खोली और पर्दा बंद करने के लिए जब बड़ा खिड़की की तरफ तब उसने देखा कि बाहर का नजारा बहुत ही सुंदर था जिसे उसे अपने कैमरे में कैद करना चाहिए यही सोच कर उसने कैमरा उठाया और सो रहे दोस्तो को उठाया पर वो नही उठे,सोते रहो तुम लोग मैं चला ये कह कर