दो साल पहले की बात है, जब हमने गुरुग्राम में अपना नया घर लिया था | हमारा बजट अधिकतम 80 – 90 लाख का ही था लेकिन जब घर खरीदने निकले तो गुरुग्राम जैसी जगह पर इतने बजट में घर तो खूब मिले पर पसंद एक भी नहीं आया | किसी में कमरों का साइज छोटा था तो किसी में रसोई का, तो कोई कालकोठरी – से घुटन भरे घर जिसमें साँस लेने के लिए पर्याप्त जगह ही नहीं थी | देखकर ऐसा लगता जैसे यहाँ लोग रहते नहीं बल्कि कोई सज़ा काट रहे हैं | आखिर एक जगह हमें