टिप टिप पानी की बुंदे गिरने की आवाज एक कमरे में गुंज रही है । एक लड़की बेसुध सी जमीन पर लेटी हुई थी।उसे देखकर कोई नहीं बता सकता है की वो क्या सोच रही है । बिना किसी भाव का उसका चेहरा पर उसकी आँखे सब बया कर रही थी वो लड़की थक चुकी थी उसके शरिर में इतनी भी हिमत नहीं थी की वो अपना हाथ भी हिला सके । तभी एक बुढ़ी आवाज आती है ,"आही कौन हो तुम ?इतना सहा तुमने फिर भी जिद पकड़े बैठी हो बहुत हिमत है तुममें पर अब हार मान लो