मंजिले कहानी सगरे मे एक मार्मिक कहानी.... गजलकार... पड़ोसी मै खुद एक सुरबाज का था, बदले मे बहुत कुछ सुनना पड़ा, शहर बड़ा था, और काम से थक कर आना... ये भी एक जलवा था। किसी का दर्द सुन लेना, सुरु मे.... 'वाह कभी मेरे मुँह से निकला ही नहीं। " कितना हस्तप्रभ होता था, कैसे सोच लेता है, एक दर्द इंसान... शायद उसने बहुत दुनिया देखी होंगी। अब अंत था बस। कोई किराये का मकान मेरे