मुक्त - भाग 7

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            मुक्त ----(7)        उपन्यास की कहानी एक दवन्द मतलब ( मानसिक जंग ) है। जो बढ़ती तब  है, ज़ब कार साज एक नया आदमी एक पात्र दानिश उसकी जिंदगी मे भेजता है, कुछ खोये होये को जांचने का सबक देने के लिए।" हसते हुए दानिश ने कहा ---" युसफ तुम कितने भोले हो, वो तुम्हे कितना चाहता होगा। " युसफ एकाएक चुप था " कौन, अंकल। " दानिश एक दम चुप हो गया, बोला " तुम्हे करसाज ये दो जहा का वाली कितना चाहता होगा... "  युसफ मानो इतना सुनकर खुश हुआ, पूछो मत