मृत्युलोक की क़िताब_ भाग -४

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चक्र का पुनः आरम्भविक्रम की मौत के बाद, गाँव में एक बार फिर खौफ का माहौल फ़ैल गया। गाँव वालों ने विक्रम की लाश उसके कमरे में पाई, और पास ही वह किताब खुली हुई थी। लेकिन इस बार गाँव के लोगों ने किताब को हवेली में वापस नहीं रखा। उन्होंने किताब को जलाने का फैसला किया।लेकिन जैसे ही उन्होंने क़िताब को जलाने की कोशिश की, वह जलने से इनकार कर दी। क़िताब पर एक अदृश्य ताक़त थी जो उसे नष्ट होने से बचा रही थी। गाँव के बुजुर्गों ने फ़ैसला किया कि क़िताब को वापस उसी हवेली में छोड़