शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 34

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"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -३४)NGO  की हेड ज्योति शुभम के अस्पताल में आती है और अपनी पिछली गलती के लिए माफी मांगती है और अपनी प्रेम कहानी कहती हैं।अब आगे ...ज्योति:-' मुझे पता चला कि मेरा प्रेमी दूसरी दो लड़कियों के साथ प्यार का नाटक खर कर रहा था।बस मेरे मन में यही गुस्सा था तभी मैंने तय कर लिया कि एक एनजीओ का मैनेजर होने के नाते महिलाओं को सच्चा न्याय दिलाना है। जब युक्ति की बातें सुनी थी तब मुझे तुम पर गुस्सा आया था।केवल इसी कारण तुम्हारे साथ अन्याय हुआ।  जब मैं अस्पताल आई तो